अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार। अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार।
पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही
बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाकर, इंकलाब लाना ही हो... बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाक...
"ये लो मेरा शादी का कार्ड,नेहा ने अपने पर्स से एक कार्ड देते हुए कहा। "ये लो मेरा शादी का कार्ड,नेहा ने अपने पर्स से एक कार्ड देते हुए कहा।
कुछ किस्से और कहानी रहे जाती है बस यादो के शामियाने मे,पता नहीं क्या कमी रहे गयी थे, की रास्ते बदलने... कुछ किस्से और कहानी रहे जाती है बस यादो के शामियाने मे,पता नहीं क्या कमी रहे गयी...
कुछ पलों तक वातावरण में सन्नाटा छाया रहा। फिर तोते ने कहना प्रारम्भ किया। कुछ पलों तक वातावरण में सन्नाटा छाया रहा। फिर तोते ने कहना प्रारम्भ किया।